
रसायन विज्ञान
उर्ध्वपातन (Sublimation) एक भौतिक-रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें कोई पदार्थ ठोस अवस्था से सीधे गैस अवस्था में परिवर्तित हो जाता है, बिना तरल अवस्था में आए। यह एक ऊष्माशोषी प्रक्रिया है।
उर्ध्वपातन की प्रक्रिया:
- ठोस पदार्थ: शुरू में, हमारे पास एक ठोस पदार्थ होता है जिसमें अणु या परमाणु एक निश्चित संरचना में बंधे होते हैं।
- ऊष्मा का अवशोषण: जब ठोस पदार्थ को ऊष्मा दी जाती है, तो उसके अणु या परमाणु अधिक ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
- सीधा गैसीय अवस्था में परिवर्तन: पर्याप्त ऊर्जा मिलने पर, सतह पर स्थित कुछ अणु अपने ठोस बंधनों को तोड़ देते हैं और सीधे गैस में बदल जाते हैं।
- गैस का फैलाव: ये गैसीय अणु फिर फैल जाते हैं और उर्ध्वपातित पदार्थ की वाष्प बनाते हैं।
- पुनर्स्थापन (वैकल्पिक): यदि गैसीय वाष्प को ठंडा किया जाता है, तो यह वापस ठोस अवस्था में आ सकता है, इस प्रक्रिया को पुन: उर्ध्वपातन (deposition) कहते हैं।
उर्ध्वपातन के उदाहरण:
- कपूर (Camphor): कपूर को गर्म करने पर यह सीधे गैस में बदल जाता है और कोई अवशेष नहीं छोड़ता।
- सूखी बर्फ (Dry Ice): ठोस कार्बन डाइऑक्साइड सामान्य तापमान पर सीधे गैस में बदल जाती है।
- आयोडीन (Iodine): आयोडीन क्रिस्टल को गर्म करने पर वे बैंगनी रंग की गैस में बदल जाते हैं।
- नेफ़थलीन (Naphthalene): नेफ़थलीन की गोलियाँ कपड़ों में रखी जाती हैं जो धीरे-धीरे उर्ध्वपातित होकर कीड़ों को दूर रखती हैं।
उर्ध्वपातन का चित्र:
एक साधारण उपकरण में, उर्ध्वपातन के लिए एक फ्लास्क में उर्ध्वपातित होने वाला पदार्थ रखा जाता है और उसे धीरे-धीरे गर्म किया जाता है। उर्ध्वपातित पदार्थ की वाष्प ऊपर उठती है और ठंडी सतह पर ठोस रूप में जमा हो जाती है।
Jang mukhya roop se iron oxide ka mishran hai. Jab loha oxygen aur nami ke sampark mein aata hai, to yeh ek raasayanik pratikriya se gujarta hai jise oxidation kaha jata hai. Is pratikriya ke parinaamswaroop iron oxide banta hai, jise hum jang ke roop mein dekhate hain.