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प्रबंध काव्य की परिभाषा?
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प्रबंध काव्य की परिभाषा:
प्रबंध काव्य एक विस्तृत और श्रृंखलाबद्ध काव्य रचना है जिसमें किसी कथा, घटना, या जीवन-चरित्र का क्रमिक रूप से वर्णन किया जाता है। यह काव्य रूप सर्गों या अध्यायों में विभाजित होता है और इसमें मुख्य कथा के साथ-साथ गौण कथाएँ भी शामिल हो सकती हैं। प्रबंध काव्य में रस, छंद, अलंकार आदि का विस्तृत प्रयोग होता है और इसका उद्देश्य पाठकों को आनंद, उपदेश, और ज्ञान प्रदान करना होता है।
प्रबंध काव्य की विशेषताएं:
- विस्तृत कथा: इसमें एक विस्तृत कथा का वर्णन होता है जो आरंभ से अंत तक क्रमिक रूप से चलती है।
- सर्गाबद्धता: यह सर्गों या अध्यायों में विभाजित होता है।
- रस और छंद: इसमें विभिन्न रसों और छंदों का प्रयोग किया जाता है।
- पात्रों का चित्रण: इसमें पात्रों का विस्तृत और मनोवैज्ञानिक चित्रण होता है।
- उद्देश्य: इसका उद्देश्य मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञान और उपदेश देना भी होता है।
उदाहरण:
- रामचरितमानस (तुलसीदास)
- पृथ्वीराज रासो (चंदबरदाई)
- साकेत (मैथिलीशरण गुप्त)