Nayi kavita ki pramukh visheshata?
नई कविता आधुनिक हिन्दी कविता का एक महत्वपूर्ण आंदोलन है जो 1950 के दशक में शुरू हुआ। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
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अनुभव की सच्चाई:
नई कविता में कवि अपने व्यक्तिगत अनुभवों और भावनाओं को बिना किसी लाग-लपेट के व्यक्त करते हैं। यह कविता बनावटीपन से दूर, जीवन की वास्तविकताओं को चित्रित करती है।
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क्षणवाद:
नई कविता में हर क्षण का अपना महत्व है। कवि हर क्षण को पूरी तीव्रता से जीते हैं और उसे अपनी कविता में व्यक्त करते हैं। यह क्षणिकता का बोध जीवन की अनिश्चितता को दर्शाता है।
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बुद्धिवाद:
नई कविता भावनाओं के साथ-साथ बुद्धि और तर्क को भी महत्व देती है। कवि अपनी कविता में विचारों और विश्लेषणों को प्रस्तुत करते हैं, जिससे पाठक सोचने पर मजबूर हो जाते हैं।
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यथार्थवाद:
नई कविता जीवन की कठोर वास्तविकताओं को चित्रित करती है। इसमें गरीबी, बेरोजगारी, सामाजिक अन्याय और भ्रष्टाचार जैसे विषयों पर खुलकर लिखा जाता है।
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भाषा का नया प्रयोग:
नई कविता में भाषा को नए तरीके से इस्तेमाल किया गया है। कवि बोलचाल की भाषा का प्रयोग करते हैं और नए शब्दों और मुहावरों का निर्माण करते हैं।
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मुक्त छंद:
नई कविता में छंद और लय के नियमों का पालन नहीं किया जाता है। कवि अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए मुक्त छंद का प्रयोग करते हैं, जिससे कविता में सहजता और प्रवाह बना रहता है।
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नवीन विषयों का समावेश:
नई कविता में नए विषयों को शामिल किया गया है जो पहले कविता में नहीं थे। इसमें आधुनिक जीवन की जटिलताओं, शहरी जीवन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे विषयों पर कविताएँ लिखी गई हैं।